Kashmiri Water:पुराने समय में महिलाओं को डिलीवरी के समय नहलाने के लिए हर्बल बाथ का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए कई तरह की जड़ी बूटियां मिलाई जाती थी। आजकल महिलाएं हर्बल बाथ नहीं लेती है। लेकिन आज भी ग्रामीण इलाकों और कश्मीर में महिलाओं को डिलीवरी के समय पानी से नहलाया जाता है।
कश्मीरी महिलाओं को डिलीवरी के 40 दिन बाद यह बाथ करवाया जाता है। चलिए कश्मीरी बाथ के लिए पानी को तैयार करने का सही तरीका और उसके फायदे के बारे में बताते हैं।
गेंदा फूल: गेंदा फूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गर्भावस्था के बाद स्किन टिश्यू को शांत करते हैं। गेंदे के फूल दर्द को कम करते हैं और घाव भरने में भी प्रभावी हैं।
कंफ्री कंफ्री एक पौधा है जो गर्भवती महिलाओं के शरीर में ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
तेज पत्ता: तेज पत्ता कई औषधीय गुणों से भरपूर है। यह अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से डिलीवरी के बाद शरीर में होने वाली सूजन को कम करता है। यह भी आपकी मांसपेशियों को आराम देता है। महिलाओं में फंगल इंफेक्शन को भी कम करता है।
मुलेठी मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, प्रोटीन और एंटीऑक्सिडेंट गुण हैं। स्किन को ठीक करने के साथ-साथ इसका उपयोग बैक्टीरिया को मारने में भी मदद करता है।
कुरुमा कुरुमा में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो एंटीसेप्टिक हैं। इसका उपयोग गर्भावस्था के बाद दर्द कम करने में मदद करता है।
बॉडी डिटॉक्सीफाई करने में आपको मदद करने वाली एक जड़ी-बूटी है दुदल दुदल। प्रेग्नेंसी के बाद आपकी स्किन पर स्ट्रेच मार्क्स को भी कम करने में मदद करता है।
हंसराज हंजराज फूल एंटीफंगल गुणों से भरपूर है। डिलीवरी के बाद आपकी प्रतिरक्षा क्षमता कम हो जाती है। इस फूल आपको संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
कासनी कासनी एक तरह का फूल है जो त्वचा को ठीक करता है। आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निकालता है।
बनफशा भी एक बैंगनी रंग का फूल है, जो स्किन इंफेक्शन को कम करता है।
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