राजस्थान खरीफ बुवाई में ग्वार की बिजाई हुई कम, मुंग में किसानों की ज्यादा रूचि

Kharif season in Rajasthan

Kharif season in Rajasthan: राजस्थान में खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य अब सरकार की तरफ से निर्धारित किया गया है. राजस्थान में विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई किसानों द्वारा की जाती है. राजस्थान में सिंचाई के लिए पानी की अभाव दूसरे राज्यों के अलावा ज्यादा रहता है. किसी के मध्य नजर केंद्र सरकार की तरफ से मोटे अनाज की खेती का रकबा बढ़ाने की दिशा में अच्छी पहल कि है. राजस्थान में पिछले वर्ष करीब 43 लाख हेक्टेयर बाजार की बुवाई हुई थी. पिछले वर्ष की तरह इस साल भी बुवाई का वहीं लक्ष्य रखा गया है. इस बार राजस्थान में प्रमुख दलहनी फसल मूंग की बुवाई अलग से बढ़ा दिया गया है. मुंह की कीमतें पिछले पूरे साल अच्छी खासी रही थी.

मोटे अनाजों को बढ़ावा

राज्य में पिछले साल करीब 43 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया गया था। बुवाई का लक्ष्य पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। इस साल 970,000 हेक्टेयर मक्का खेती का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्ष भी इतना ही रखा गया था। राजस्थान कृषि विभाग ने 2025 तक खरीफ फसलों (Kharif season in Rajasthan) की बुवाई का लक्ष्य रखा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दलहनी फसलों का लक्ष्य बढ़ा दिया गया है और ग्वार की बुवाई का लक्ष्य कम किया गया है। केंद्र सरकार ने मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप बाजरा की बुवाई के लक्ष्य में कुछ बदलाव आया। वहीं, ज्वार बुवाई का क्षेत्र दोगुना हो गया है। राज्य की जीडीपी में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र लगभग 27% हैं।

ग्वार का रुझान कम

ग्वार की कीमतों में 2024-25 में किसी प्रकार का इजाफा नहीं हुआ ऐसा बाड़मेर की एक ग्वार व्यापारी ने जानकारी में बताया है. निर्यात कम होने और स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने की वजह से ग्वार की कीमत स्थिर रही. इसलिए किसानों में ग्वार का रुझान कम हो रहा है। किसान इसकी जगह मूंग और बाजरा की फसल (Kharif season in Rajasthan) में रुचि दिखा रहे हैं। बाजरा के भाव पिछले साल मजबूत थे और प्रति बीघा पैदावार संतोषजनक थी। बाजार की कटाई के बाद बची हुई फसल को पशु चारे में खरीदा जा सकता है।

Kharif season in Rajasthan
Kharif season in Rajasthan

पिछले साल करीब 43 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया

एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले साल करीब 43 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया गया था। बुवाई का लक्ष्य पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। 20 जून तक, जल्दी आने वाले मॉनसून ने 246,000 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज बोया है। इस साल 970,000 हेक्टेयर मक्का खेती का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्ष हुआ था। इसी तरह, 2024 में ज्वार की बुवाई 341,000 हेक्टेयर में हुई थी, लेकिन इस साल यह लक्ष्य 620,000 हेक्टेयर तक बढ़ा गया है। पिछले साल 2.36 मिलियन हेक्टेयर में प्रमुख दलहनी फसल मूंग की बुवाई हुई थी। इस साल मूंग की खेती का लक्ष्य 2.5 मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ा गया है। जयपुर के मूंग व्यापारी निर्मल जैन ने अखबार को बताया कि इस साल किसानों को अधिक दाल की बुवाई करने की अनुमति मिली है क्योंकि पिछले साल पूरे वर्ष कीमतें समान रहीं। (Kharif season in Rajasthan)

राजस्थान में इस बार तिलहनी फसलों की बुवाई को लेकर बदलाव देखने को मिल रहे हैं

सोयाबीन: वर्ष 2024 में इसकी बुआई 1.07 मिलियन हेक्टेयर में हुई थी, जिसे इस बार बढ़ाकर 1.1 मिलियन हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।

मूंगफली: पिछले साल बुआई (Kharif season in Rajasthan) 1.04 मिलियन हेक्टेयर में हुई थी, जबकि इस बार लक्ष्य घटाकर 950,000 हेक्टेयर कर दिया गया है।

ग्वार: बीते साल करीब 2.9 मिलियन हेक्टेयर में बुआई हुई थी, जो इस साल घटाकर 2.5 मिलियन हेक्टेयर तय की गई है। राजस्थान प्रमुख ग्वार उत्पादक है। राजधानी देश के कुल उत्पादन में लगभग 70% का योगदान देती है।

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