बिना किसी खर्च के गाय-भैंस के गोबर से बनेगी देसी खाद, उत्पादन में आएगा तगड़ा इजाफा

बिना किसी खर्च के गाय-भैंस के गोबर से बनेगी देसी खाद, उत्पादन में आएगा तगड़ा इजाफा

आज हम आपको किसान द्वारा तैयार किए गए एक ऐसे तरीके के बारे में बताने वाले है। जिसके द्वारा किसान गाय और भैंस के गोबर को जैविक खाद में बदल देता है। इस तरिके को किसान ने कंपोस्टिंग नाम दिया है चलिए जानते हैं विस्तार से

Ayurvedic Vatika, how to make fertilizer from cow dung : अगर भारतीय पारंपरिक खेती की बात की जाए तो गए और भैंस का गोबर इसमें एक अहम भूमिका निभाता है। किसान गाय और भैंस के गोबर को खाद के रूप में खेत में इस्तेमाल करते हैं जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता और जैविक तरीके से खेत में उपयोग की जा सकती है। प्राचीन जमाने से गाय में गोबर को खाद के रूप में तैयार करने की परंपरा चल रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय और भैंस के गोबर से एक शानदार जैविक खाद बनाई जा सकती हैं। जिसकी जानकरी इस प्रकार है।

देसी खाद बनाने का तरीका

आज हम आपकी 25 साल का अनुभव रखने वाले किसान द्वारा बताई गयी गाय और भैंस के गोबर से खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताने वाले है। उन्होंने बताया कि इस खाद को प्राकृतिक खाद के रूप में तैयार करने की परंपरा कई सालों से चलती आ रही है। खाद तैयार करने के लिए गोबर को सबसे पहले प्राकृतिक तरीके से सडाया जाता है, जिससे इसमें पोषक तत्व तैयार होने शुरू हो जाते हैं.

कितना लगेगा समय

गाय और भैंस के गोबर से अगर आप जैविक खाद बनाना चाहते हैं तो इसमें 40 से लेकर 60 दिन तक का समय लग जाता है. इस समय अवधि में बदलाव भी आ सकता है क्योंकि मौसम, नमी और अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। वहीं अगर इस प्रक्रिया की गर्मियों में बात करें तो जल्दी हो जाती है और सर्दियों में थोड़ा समय लग जाता है.

कैसे करें शुरुआत

फेज़ 1 ( 7 से 14 दिन) : सबसे पहले गोबर को खुले स्थान पर फैलाकर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसमें हवा का संसार सही रूप से रखने के लिए बार-बार पलटा जाता है।

फेज़ 2 (21 से 28 दिन) : इस प्रक्रिया के बाद गोबर में धीरे-धीरे सूक्ष्म जीव उत्पन्न होना शुरू हो जाते हैं और इसे जैविक खाद के रूप में बदलने लगते हैं.

फेज़ 3 (35 से 56 दिन) : इन दिनों में आकर गोबर धीरे-धीरे खाद के रूप में बदलने लगता है और फसलों में उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है। खाद के रूप में तैयार होने के बाद गोबर का रंग गहरा बड़ा हो जाता है और इसमें किसी तरह की कोई दुर्गंध नहीं आती है।

देसी खाद बनाने का सही तरीका

खेत करें तैयार : गोबर की खाद का इस्तेमाल खेत तैयार करते समय किया जाना चाहिए। जिससे खाद का फैलाव मिट्टी में अच्छी तरह हो जाता है। जिसे खाद पौधों की जड़ों तक जरूरी पोषक तत्व पहुंचाने में मददगार साबित होती है।

अगर खेत में पौधे पहले से लगे हुए हैं तो गोबर की खाद को पौधों के चारों ओर डालना चाहिए। जिससे खाद की उचित मात्रा पौधों को मिल सके। क्योंकि अधिक खाद डालने से पौधों की जड़ों को नुकसान भी पहुंच सकता है.

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