बरसात के मौसम में जेब पैसो से भर देगी इस सब्जी की खेती, बारिश के साथ डिमांड शुरू

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Agriculture News: आज हम आपको बताने वाले है की बरसात के मौसम में खीरे की खेती किसानों के लिए कितना लाभकारी बिजनेस साबित हो सकता है, अगर आप हरियाणा में रहते है, तो यह खबर आपको खुश कर देने वाली है। इससे बहुत कम लागत में अधिक लाभ कमाया जा सकता है।

Agriculture News: चलो आज हम आपको बताते है कि बरसात के मौसम में हरी सब्जियों की मांग ज्यादा होने की वजह से खीरा उनमें से एक प्रमुख फसल है। इस दौरान खीरे की पैदावार अक्सर कम होती है, जिसकी वजह से बाजार में इसकी कीमत काफी अच्छी मिलती है।

हरियाणा के सोनीपत में आज खीरे का भाव 12 से 25 प्रति किलो तक चल रहा है, जिससे पता चलता है कि किसानों के लिए अच्छा मुनाफा कमाने मिलने का अनुमान है। खीरे की खेती का एक और बड़ा फायदा यह है कि इसकी फसल बहुत जल्दी तैयार हो जाती है, इसलिए किसान कम समय में बढ़िया कमाई कर सकते हैं, जो पारंपरिक फसलों के मुकाबले कहीं ज्यादा हो सकती है।

बरसात में उगेगी लाभदायक फसलें

खीरा के साथ साथ बरसात के मौसम में हरियाणा में और भी कई सब्जियां लगाकर भी किसानों को तगड़ा मुनाफा मिल रहा हैं। इनमें लौकी, तोरई, भिंडी, टमाटर, बैंगन और कई प्रकार की फलियां शामिल की गई हैं। इन सभी सब्जियों की बरसात के मौसम में अच्छी मांग बनी रहती है और सही किस्मों का चुनाव करके अच्छा उत्पादन लिया जा सकता हैं।

हरियाणा सरकार का प्लान

हरियाणा सरकार किसानों की आमदनी को दुगुना करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। अनुसूचित जाति के किसानों के लिए “एकीकृत बागवानी विकास योजना” एक खास योजना बनाई जा रही है जिसके अंतर्गत मशरूम की खेती, बांस के ढांचे, पॉली हाउस या नेट हाउस, और उच्च मूल्य वाली सब्जियों और फूलों की खेती जैसी चीजों के लिए 90% तक की सब्सिडी दी जा रही है।

सोनीपत बन रहा खीरा हब

हरियाणा प्रदेश के सोनीपत में खीरे की खेती करने का प्लान करने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आपको बरसात के मौसम के लिए लाभदायक खीरे की किस्मों को चुनना पड़ेगा। कुछ फेमस किस्में जैसे पूसा संयोग, स्वर्ण पूर्णिमा और हाइब्रिड किस्में ज्यादा पैदावार देती हैं।

इसके साथ साथ खीरे की अच्छी वृद्धि के लिए उचित सिंचाई और जल निकासी का प्रबंधन करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बरसात में अधिक नमी से फसल को नुकसान हो सकता है। कीटों और बीमारियों से फसल को बचाने के लिए उचित उपाय करना भी जरूरी है। लेख में किसान सर्वेश कुमार ने मचान विधि से खेती करने का उल्लेख किया है, जो खीरे की अच्छी पैदावार के लिए एक अच्छी तकनीक मानी जाती है।

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