UP में 2.5 लाख किसानों के घर लगेंगे बायोगैस यूनिट, सरकार की प्लानिंग से रसोई खर्च में आएगी कमी

Biogas Units in UP

Biogas Units in UP : देश में ग्रामीणों को किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार की तरफ से निरंतर प्रयास किए जाते हैं. इसी दिशा में अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी पहल की है. योगी सरकार की इस ऐतिहासिक पहल से ग्रामीण इलाकों में विकास की एक नई गंगा बहने लगेगी. प्रदेश में लोगों की एलपीजी खपत में 70 फीसदी तक की कमी आने वाली है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कम होने के साथ-साथ लोगों का जेब खर्च भी काफी ज्यादा काम हो जाएगा. इस ऐतिहासिक पल में किसानों को ज्यादा लाभ पहुंचाने वाला है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के 2.5 लाख घरों में बायोगैस उपकरणों का निर्माण करेगी। किसानों से प्रति यूनिट केवल 3,990 रुपये मिलेंगे, हालांकि इसकी लागत 39,300 रुपये होगी। (Biogas Units in UP)

ग्रामीण क्षेत्रों को किया जाएगा विकसित

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। CM योगी के ग्राम-ऊर्जा मॉडल के तहत राज्य के गांवों में घरेलू बायोगैस यूनिटों की स्थापना शुरू की जा रही है. इससे ग्रामीणों का खाना बनाने का खर्च कम होगा और जैविक खाद उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में सुधार होगा। यह योजना किसानों और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

Biogas Units in UP
Biogas Units in UP

इन जिलों से शुरू होगा

प्रत्येक बायोगैस संयंत्र 39,300 रुपये का खर्च करता है। किसानों को पूरी प्रक्रिया के दौरान बायोगैस यूनिट (Biogas Units in UP) की स्थापना के लिए केवल 3,990 रुपए का अंशदान देना होगा। कार्बन क्रेडिट मॉडल और सरकारी मदद से बाकी रकम पूरी की जाएगी। योजना का पहला चरण अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और गोंडा में लागू होगा। कुल 2,250 घरेलू बायोगैस उपकरण इन चारों जिलों में लगाए जाएंगे। यह पायलट परियोजना है और इन जिलों में सफलता मिलने के बाद अगले चार सालों में लगभग 2.5 लाख घरों का लक्ष्य है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने भी इस योजना को औपचारिक रूप से मंजूरी दी है।

गोशालाएं भी बनाई जाएंगी

मनरेगा के माध्यम से गोशालाएं भी बनाई जाएंगी, जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। पहले चरण में, 43 गोशालाओं में बायोगैस और जैविक और प्राकृतिक खाद बनाने वाले संयंत्रों को शुरू किया जाएगा। प्रति माह लगभग पच्चीस क्विंटल स्लरी प्रत्येक गोशाला से उत्पादित होने की संभावना है, जिसे आसपास के किसान भी उपयोग कर सकते हैं। इससे स्थानीय युवाओं को नौकरी के नए अवसर भी मिलेंगे।

LPG की खपत में 70% की कमी होगी

गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि ये घरेलू बायोगैस उपकरण (Biogas Units in UP) न केवल खाना पकाने के लिए गैस देंगे, बल्कि उनसे निकलने वाली स्लरी से प्राकृतिक और जैविक खाद भी बनाएंगे। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि यह पहल ग्रामीणों के जीवन को आसान बनाएगी और पर्यावरण को बचाएगी। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी की खपत लगभग 70% तक कम होगी, जिससे घरेलू खर्चों में भारी बचत होगी। खेती के लिए यह खाद बहुत फायदेमंद होगी और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी। यह गैस वाहनों के ईंधन के रूप में भी प्रयोग हो सकती है।

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